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Showing posts from January, 2018

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 26 जनवरी से 2 फरवरी प्रिंसेस श्राईन,पैलेस ग्राउंड,बंगलुरु में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के पंचम दिवस पर महाराज श्री ने भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया।

“मौत और भगवान को कभी नहीं भूलना चाहिए : देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज” देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कथा की शुरुआत करते हुए कहा की मानव जीवन मिला है एक उद्देश्य के लिए वह है ईश्वर को मनाना, अगर पूरी दुनिया मान जाए और ईश्वर ना माने तो क्या फायदा, इसिलिए अपने जीवन का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ ईश्वर को मनाने का रखिए। उन्होंने कहा की जिस भी संत ने प्रभु के शरण को स्वीकार किया है दिल से, उनकी पूरी दुनिया दिवानी है। महाराज श्री ने आज लगे चंद्र ग्रहण के बारे में बात करते हुए बताया की चंद्र ग्रहण के समय में अनाथालय व् अनाथ बच्चों को दान देना बहुत फलदायक होता है जिससे न सिर्फ आपको आपकी बल्कि आने वाली पीढ़ियों को धन समेत कई और लाभ मिलते है। महाराज जी ने बताया की भगवान जी को भोग लगाते समय किसी भी प्रकार के चमड़े की चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए अगर आपने किसी प्रकार की चमड़े की वास्तु को पहना हुआ है तो आपके द्वारा लगाया हुआ भोग भगवान स्वीकार नहीं करते। साथ ही साथ महाराज श्री ने बताया की हमें कभी भी भोजन खड़े होकर नहीं करना चाहिए, खड़े होकर भोजन करने से अन्न देवता का अपमान होता है। भ

SHRIMAD BHAGWAT KATHA || DAY 5 || BENGALURU ||

SHRIMAD BHAGWAT KATHA || Day -5 || BENGALURU || 26 JANUARY - 02 FEBRUARY 2018 || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 26 जनवरी से 2 फरवरी प्रिंसेस श्राईन,पैलेस ग्राउंड,बंगलुरु में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर महाराज श्री ने भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया।

आज की कथा का प्रारम्भ महाराज श्री ने मोहन को समर्पित एक सुन्दर भजन से किया " मेरे कष्ट तू मिटा दे , दुनिया बनाने वाले ,ये डोरे जिंदगी की , मोहन तेरे हवाले। " जिनके ऊपर भगवान् की कृपा होती है वो ही जीव इस माया का फंदा छुड़ा सकता है। मानस में लिखा है की जीव कहाँ सुखी रह सकता है ? हमारी प्रसन्नता किस स्थान पर है ? आपके पास लाखो साधन क्यों न हो फिर भी हम क्या कहते है की शांति नहीं है। हम जीवन भर केवल शांति के लिए भटकते रहते है और शांति साधनो से नहीं मिलती। जैसे मछली को जल में प्रसन्नता होती है वैसे ही आपको असली प्रसन्नता सच्चा सुख परमपिता परमेश्वर के चरणों में ही मिलेगा। जब जीव भगवान् के चरणों में आ जाता है तो उसके सारे कष्ट और दुःख ठाकुर के चरणों में नतमस्तक हो जाते है। हम कलयुग के लोग है और मानव जीवन हमें बहुत ही भाग्य से प्राप्त हुआ है तो हमें उसका सदुपयोग कर लिया जाये। कल चंद्र ग्रहण है और पुराणों के अनुसार ग्रहण काल से से पहले सूतक लग जाते है तो सूतक से लेकर ग्रहण के मोक्ष काल तक कुछ चीज़े निषिद्ध की गई है जैसे - मंदिर नहीं जाना , ठाकुर की पूजा न करना ,भोजन

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 26 जनवरी से 2 फरवरी प्रिंसेस श्राईन,पैलेस ग्राउंड,बंगलुरु में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के द्वतीय दिवस पर महाराज श्री ने भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया।

कथा का प्रारम्भ करने से पूर्व महाराज श्री ने बताया आज में आपको शास्त्र और पुराण में लिखी एक बात बताता हूँ की जो लोग भगवान् को भोग लगाए बिना भोजन करते है वो भोजन बिष्टा के सामान होता है। और जो जल भगवान् को अर्पण किये बिना जो जल ग्रहण करते है वो जल मूत्र के सामान होता है। ये शास्त्र कहते है मै नहीं बोल रहा इसलिए आप बैष्णव हो और बैष्णव बिना भगवान् को अर्पण किये नहीं खाता क्योकि तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा अगर ये भाव मन में रखो तो ठाकुर आपको कभी भी अपने से दूर नहीं होने देगा। बस महत्वपूर्ण ये है की पूर्ण भक्ति भाव , भगवान् के प्रति बफादारी और पूर्ण समर्पण रखना होगा। कल का कथा क्रम में आपने भागवत का महात्यम जाना और आज की कथा प्रसंग में कलयुग की बात करेंगे। कलयुग के प्राणी का स्वभाव ही पाप कर्म में लिप्त रहना। कलयुग की चर्चा करते हुए बताया कलयुग में लोगों की स्थिति विचित्र होगी। लोग अशुभ को समझ नहीं पाएंगे।कलयुग के बारे में कहा गया है कि बेटा बाप को आदेश देगा, बहुएँ सास पर हुक्म चलाएंगी, शिष्य वचन रुपी बाण से गुरु का दिल भेदन करेंगे। सभी ब्राह्मण बनने की कोशिश करेंगे। उन

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 26 जनवरी से 2 फरवरी प्रिंसेस श्राईन,पैलेस ग्राउंड,बंगलुरु में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिवस पर महाराज श्री ने भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया।

" मनुष्य को सदा के लिए अपने प्रभु की भक्ति में डूब जाना चाहिए " पहले दिन के कथा की शुरुआत दीप प्रज्वलन और भागवत आरती के साथ की गई। देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कथा की शुरुआत करते हुए कहा की हमारे ऋषि मुनियों ने जो दिया है आज का साइंस उसी पर आधारित है....जो हमारे ऋषि मुनियों ने दिया वो साइंस दे नहीं सकता। आकाश में जो सबसे पहली ध्वनी हुई वो ऊँ की थी और इसी ऊँ में पूरी दुनिया समायी है। महाराज जी ने कहा की हमारे भागवत में, पुराणों में, वेदों में ये कहा गया है की जो भी व्यक्ति भागवत नाम उच्चारण करेगा उस के सारे पाप उसी क्षण में समाप्त हो जाएंगे, लेकिन शर्त ये है की आगे पाप ना करें। महाराज जी ने कहा की अच्छे काम के लिए कभी किसी से मत पूछो, पूछना है तो भगवान से पूछो। महाराज जी ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा की अपने धर्म को जानने की कोशिश करो, भागवत पढ़ो, पुराण पढ़ो। जैसे डाक्टर बनने के लिए डॉक्टरी पडनी जरुरी है उसी तरह मानव जीवन को समझना है तो धर्म को पढ़ना जरुरी है, धर्म को समझना जरुरी है, धर्म पढोगे तभी तुम्हे कृष्ण समझ में आएगा। देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा क

लोकतंत्र के पर्व "गणतंत्र दिवस" के पावन अवसर पर पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में प्रिंसेस ग्राऊंड बैंगलोर में कार्यक्रम आयोजित किया गया।

लोकतंत्र के पर्व "गणतंत्र दिवस" के पावन अवसर पर पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में प्रिंसेस ग्राऊंड बैंगलोर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों द्वारा देश- भक्ति गीतों से हुई, महाराज श्री ने गीतों के माध्यम से युवाओ को देश प्रेम के लिए प्रेरित किया और उन वीर जवानो की याद दिलाई जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी कुर्बानी दी थी। साथ ही महाराज श्री ने भक्तों को अपने देश की संस्कृत,संस्कृति,और संस्कार, को बचाने की बात करते हुए सभी से अपने देश को प्रेम करने का संकल्प कराया। इसके बाद स्कूली छात्र- छात्राओं ने अपने सुंदर- सुंदर नृत्य की प्रस्तुति दी और सब का मन मोह लिया। जय हिन्द... राधे - राधे बोलना पड़ेगा!!!

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 17 - 23 जनवरी तक, बांग्ला बाजार चौराहा, रेल नगर मैदान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश आयोजित श्रीमद भागवत कथा के षष्ठम दिवस पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया।

महाराज श्री ने भागवत कथा के षष्ठम दिवस की शुरुआत भी भागवत आरती के साथ की गई, साथ ही विश्व शांति के लिए प्रार्थना की गई। छठे दिन की कथा में कई वीवीआईपी ने कथा पंडाल में पधारे। माननीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सुपुत्र पंकज सिंह, ग्राम विकास चिकित्सा स्वास्थय मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार माननीय डॉ महेंद्र सिंह जी और पूर्व विधायक सुरेश तिवारी जी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिती दर्ज करवाई। पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा कि गोपियों ने श्री कृष्ण को पाने के लिए त्याग किया परंतु हम चाहते हैं कि हमें भगवान बिना कुछ किये ही मिल जाये, जो की असम्भव है। महाराज श्री ने बताया कि शुकदेव जी महाराज परीक्षित से कहते हैं राजन जो इस कथा को सुनता हैं उसे भगवान के रसमय स्वरूप का दर्शन होता हैं। उसके अंदर से काम हटकर श्याम के प्रति प्रेम जाग्रत होता हैं। जब भगवान प्रकट हुए तो गोपियों ने भगवान से 3 प्रकार के प्राणियों के विषय में पूछा। 1 . एक व्यक्ति वो हैं जो प्रेम करने वाले से प्रेम करता हैं। 2 . दूसरा व्यक्ति वो हैं जो सबसे प्रेम करता हैं चाहे उससे कोई करे या न करे। 3 . तीसरे प्रकार का

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 21 जनवरी 2018 को बांग्ला बाजार चौराहा, रेल नगर मैदान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के पंचम दिवस पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया।

महाराज श्री ने भागवत कथा के पंचम दिवस प्रारम्भ करने से पूर्व आज सुबह युवा शांति सन्देश आयोजन के बारे में बताया, महाराज श्री को बहुत ख़ुशी हुई और उन्होंने कहा कि बहुत सुन्दर दृश्य था बहुत अधिक आनंद आया। लखनऊ के युवा से मिलने पर बहुत ख़ुशी हुई वह बहुत समझदार हैं उन्हें अदब हैं कैसे बोलना हैं कैसे प्रश्न करना हैं। यंहा के युवाओ में देश के प्रति बहुत चिंता देखी। हिन्दू धर्म के लिए उनके ह्रदय में बहुत चिंता हैं और होना भी चाहिए , सभी में होनी चाहिए और अगर युवाओ में धर्म के प्रति चिंता हो गयी तो निश्चित ही भारत महान देश हो जायेगा। इसमें कोई दोहराया नहीं हैं। हमारे देश में वो लोग गुनहगार हैं जिन लोगो ने धर्म को पीछे छोड़ दिया हैं। धर्म सर्वोपरि हैं और हमेशा रहेगा , अगर धर्म के प्रति जागरूकता होगी तभी भगवान तक पुकार जाएगी। आज ख़ुशी हुई ये देखकर कि युवाओ में धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ रही हैं और ये समाज के लिए बहुत ख़ुशी की बात हैं हैं। महाराज श्री ने कथा के पूतना चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि आज का जीव भी पूतना से कम नही जीव भगवान से झूठ बोलता है कि मै तेरा भक्त हूँ लेकिन वो यह नह

Shrimad Bhagwat Katha || Day -5 || Lucknow ||

Shrimad Bhagwat Katha || Day -5 || Lucknow || 17-23 January 2018 || Lucknow, Uttar Pradesh || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

Shrimad Bhagwat Katha || Day -4 || Lucknow ||

Shrimad Bhagwat Katha || Day -4 || Lucknow || 17-23 January 2018 || Lucknow, Uttar Pradesh || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 20 जनवरी 2018 को बांग्ला बाजार चौराहा, रेल नगर मैदान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया।

महाराज श्री ने भागवत कथा के चतुर्थ दिवस की शुरुआत भी भागवत आरती के साथ की गई। कथा कार्यक्रम में आए म्यूजिक डायरेक्टर विष्णु नारायण ने भी राधा रानी के चरणों में भक्तिमय प्रस्तुति दी। अखिल भारतीय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता जी ने 51 किलो की माला से महाराज जी का मालायर्पण किया। महाराज श्री ने कथा का आरंभ करते हुए कहा की आज के हमारे युवा बहुत जल्दी निराश हो जाते हैं। आप लोग यह बात याद रखिएगा की जिंदगी में धैर्य का बहुत बड़ा योगदान है। बुरे वक्त में धैर्य ही तुम्हें बचाएगा। बच्चों की सीख देते हुए कहा की अपने मां बाप की सेवा किजिए, उन्हे नौकरों के भरोसे मत छोडिए, बेटे को बेटा और बहु का बेटी बनकर रहना चाहिए। घर आए मेहमान को भगवान समझना चाहिए, उन्हे कभी भी द्वेष की भावना से नहीं देखना चाहिए, ऐसा करने से नरक की प्राप्ति होती है। महाराज श्री ने कथा के प्रसंग का वृतांत सुनाते हुए बताया कि वामन अवतार भगवान विष्णु के दशावतारो में पांचवा अवतार और मानव रूप में अवतार था। जिसमें भगवान विष्णु ने एक बौने के रूप में इंद्र की रक्षा के लिए धरती पर अवतार लिया। वामन अवतार की

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 19 जनवरी 2018 को बांग्ला बाजार चौराहा, रेल नगर मैदान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के तृतीय दिवस पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया।

महाराज श्री ने भागवत कथा के तृतीय दिवस की शुरुआत भागवत आरती के साथ की गई। कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कथा का प्रारंभ करते हुए कहा की ये जीवन कुरुक्षेत्र हैं, आप कृष्ण के अर्जुन बनो। यहां लोग आपको कहते है बुरे बनिए लेकिन आप उनको कहिए अच्छे बनिए, आपकी सोच ही सबकुछ है। महाराज जी ने श्रोताओं को भक्ति गीतों से मंत्रमुग्ध भी किया। महाराज जी ने कहा की अगर आपको किसी भी संत की बात पर विश्वास हो जाए तो उनके द्वारा कहा गया वाक्य आपका जीवन सफल बना देगा। “विश्वासं फलं दायकं” पहले विश्वास जरुरी है, विश्वास किजिए, अगर विश्वास नहीं करेंगे तो फिर संदेह है। उन्होंने आगे कहा की अगर आप सम्मानीयों का सम्मान करेंगे तो आपको भी सम्मान मिलेगा लेकिन अगर आप उनका सम्मान नहीं करोगे तो आपका भी सम्मान नहीं होगा। महाराज जी ने कहा की शुकदेव जी ने कहा है की जिसकी भी मृत्यु निकट हो उसे भागवत कथा सुननी चाहिए। उन्होंने कहा की नासा के वैज्ञानिकों ने तक कहा है की आकाश से पार केवल ऊँ की ध्वनी ही सुनाई देती है। उन्होंने कहा की अगर पूरी धरती किसी पर निर्भर है तो वो सनातन धर्म पर निर्भर है। महाराज जी

Shrimad Bhagwat Katha || Day -3 || Lucknow ||

Shrimad Bhagwat Katha || Day -3 || Lucknow || 17-23 January 2018 || Lucknow, Uttar Pradesh || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 17 जनवरी 2018 को बांग्ला बाजार चौराहा, रेल नगर मैदान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया।

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 17 - 23 जनवरी तक, बांग्ला बाजार चौराहा, रेल नगर मैदान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश आयोजित श्रीमद भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया। महाराज जी ने भागवत कथा के द्वितीय दिवस की शुरुआत भक्तिमय गीतों से की जिसपर भक्त जमकर नाचने पर विवश हो उठे। कथा श्रवण करने आए भक्तो से महाराज जी ने कहा की कथा को कभी भी फल प्राप्ति के लिए ही नहीं सुनना चाहिए, फल तो मिलेगा ही, कथा का श्रवण मेरे चित्त में मेरे प्रभु के अलावा कोई ओर ना हो इसके लिए कथा सुननी चाहिए। कथा प्रभु के स्वभाव को बताती है। महाराज जी ने कथा सुनने आएं श्रोताओं से कहा की कथा स्थल पर आने की जल्दी करो लेकिन यहां से जाने की कभी जल्दी मत करो। महाराज जी ने कहा की अगर जीव के मन में बस भागवत कथा सुनना है का भाव भी आ जाए तो प्रभु उनके ह्रदय में कैद हो जाते हैं और सच्चे श्रोताओं को इसका अनुभव भी होता है। महाराज जी ने कहा की कथा सुनने की एक ही शर्त है इसे नियम से सुना जाए। महाराज जी ने मोबाइल से होने वाले नुकसानों के बारे में भी बताया। महाराज जी न

Shrimad Bhagwat Katha || Day -1 || Lucknow ||

Shrimad Bhagwat Katha || Day -1 || Lucknow || 17-23 January 2018 || Lucknow, Uttar Pradesh || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ
पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 17 - 23 जनवरी तक, बांग्ला बाजार चौराहा, रेल नगर मैदान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश आयोजित श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिवस पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया। महाराज श्री ने कथा प्रारम्भ करते हुए भक्तो को भागवत कथा का महत्व बताया। उन्होंने कहा की जिसकी कथा सुनते सुनते मुर्छित व्यक्ति भी सजीव हो उठता है, रोता हुआ व्यक्ति भी नाच उठता है, जो आनन्द को भी आनन्द प्रदान करने वाला है ये उस परमात्मा की कथा है। महाराज श्री ने पाल नहार सच्चिदानंद की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने कहा वही सबकुछ है हम कुछ नही, जब उसकी इच्छा होती है हमारा जन्म होता है और जब उसकी इच्छा होती है तो हमारी लीला पूरी हो जाती है। उन्होंने कहा की जिसका चित्त उसके बस में होता है वहीं सच्चिदानंद होता है। हमारा चित्त हमारे बस में नहीं है, उनका चित्त उनके बस में है इसीलिए वह सच्चिदानंद है। महाराज श्री कथा का वृतांत बताते हुए कहा कि जो लोग कहते है कथा वाचक खाली कहते हैं कि भगवान के दर्शन होते हैं वो लोग 7 दिन भागवत कथा सुनो अगर भागवत कथा का अनुभव ना हो तो क

आज लखनऊ, उत्तर प्रदेश में कथा से पहले विशाल कलश यात्रा निकाली।

आज लखनऊ, उत्तर प्रदेश में कथा से पहले विशाल कलश यात्रा निकाली। इस भव्य कलश यात्रा में सैंकड़ों माताएं बहने कलश उठाकर कथा पंडाल पहुंची। महाराज श्री के सानिध्य में लखनऊ में 17 - 23 जनवरी 2018 तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कलश यात्रा के दौरान लखनऊ की सड़कों पर दृश्य देखने योग्य था, हर जगह माताएं-बहने कलश उठाये नजर आ रही थी। सभी लखनऊ वासियों से निवेदन है कि बढ़-चढ़ कर कथा पंडाल में आकर कथा का रसपान करें। ।। राधे राधे बोलना पड़ेगा ।।

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में मकर संक्रांति के पावन अवसर पर 14 जनवरी 2018 को प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में आयोजित श्री कृष्ण कथा के द्वितीय दिवस पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया।

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में मकर संक्रांति के पावन अवसर पर 14 - 15 जनवरी, के पी कम्युनिटी सेंटर, ऍम जी मार्ग (नियर सी ऍम पी डिग्री कालेज) प्रयागराज, उत्तर प्रदेश आयोजित श्री कृष्ण कथा के द्वितीय दिवस पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया। महाराज जी ने कहा की दो दिवसीय इस कथा का विषय है 'जीवन यात्रा' तो इसी विषय को हम समझने का प्रयास करेंगे। मकर संक्रांति कल और आज मनाई गई कल शाम से प्रारम्भ होकर आज सुबह तक रही। मकर संक्रांति के समय मकर राशि में सूर्य का प्रवेश होता है पुराणों के अनुसार शनि देव के पिता है सूर्य और उनसे मिलने जब उनके राशि [ घर ] में प्रवेश करते है तो हम यह उत्सव मानते है। दूसरी कथा के अनुसार आज के दिन ही मधु - कैटव नामक राक्षस से नारायण ने युद्ध में परास्त कर एक पर्वत के नीचे दबा दिया था। तीसरी कथा के अनुसार एक राक्षस का वध करने के लिए माँ भगवती ने इस धरती पर अपना पदार्पण किया। चौथी कथा के अनुसार जो हम लोग जानते है की आज के दिन ही राजा भागीरथ ने तपस्या करके माँ गंगा को पृथ्वी पर लाये और आज के दिन अपने पितरो का तर्प