Skip to main content

विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वाधान में 21 जुलाई से 23 जुलाई 2019 तक स्थान -टोरंटो, कनाडा हिन्दू प्रार्थना समाज टेम्पल में पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के मुखारबिंद से श्री कृष्ण कथा का आयोजन किया जा रहा है।



संतो का हक़ खाना सबसे बड़ा पाप है - पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी

कलयुग में मानसिक रूप से किये गए पुण्यो का भी फल मिलता है - पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी

संतो का संग आपका स्वाभाव, आचरण , किस्मत तक बदल देता है - पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी

सेवा की शुरुआत आनंद से होती है - पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी

विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वाधान में 21 जुलाई से 23 जुलाई 2019 तक स्थान -टोरंटो, कनाडा हिन्दू प्रार्थना समाज टेम्पल में पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के मुखारबिंद से श्री कृष्ण कथा का आयोजन किया जा रहा है।

श्री कृष्ण कथा के द्वितीय दिन सैकड़ो की संख्या में भक्तों ने महाराज जी के श्रीमुख से कथा का श्रवण किया।

श्री कृष्ण कथा के द्वितीय दिवस की शुरुआत दीप प्रज्जवलन, भागवत आरती और विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई।

कथा की शुरुआत में महाराज श्री ने बताया की आपने अपने जीवन में जो भी मानसिक पुण्य किया होगा उसका फल आपके जीवन में आपको जरूर मिलता है।

महाराज श्री ने बताया की हमें अपने जीवन में संतो का संग जरूर करना चाहिए क्यूंकि संतो के सानिध्य और आशीर्वाद से हमारे जन्म जन्मो के पाप जो जमा है उनसे हमें मुक्ति मिलती है, आजकल का कलयुगी मनुष्य इस वहम में रहता है की वो पापी नहीं है उसके पाप कम और पुण्य ज्यादा है लेकिन असल में जो लोग पापी होते है उनका मन कभी धार्मिक कार्यो में नहीं लगता और जिस जीव के पाप ज्यादा है उसका मन कभी बुरे काम में नहीं लगेगा।

व्यास जी ने कहा की ब्राह्मण का हक़ खाना सबसे बड़ा पाप है, और आजकल आप सड़को पर भिखारियों को देखते होंगे वो इसलिए भिखारी नहीं है की वो निर्धन है बल्कि उनके निर्धन होने का कारण उनके पिछले जन्म के कर्म है, जो भी व्यक्ति किसी का हक़ मार कर खाता है वो अगले जन्म में दरिद्र बनता है इसलिए हमें जीवन में कभी भी किसी का हक़ नहीं मरना चाहिए।

महाराज श्री ने बताया की कलिकाल में जीव अगर मानसिक रूप से कोई धार्मिक यात्रा करें तो उसे उसका फल मिलता है , कलियुग के लोगों पर ठाकुर जी की इतनी कृपा है की अगर आप मानसिक पाप करोगे तो आपको पाप नहीं लगेगा और मानिसक पुण्य करोगे तो आपको उसका लाभ मिलेगा क्यूंकि हमारा ठाकुर बहुत दयालु है। लेकिन अगर आप अपने जीवन में कोई पाप करते है तो उसको तो आपको भोगना ही पड़ेगा।

संतो का संग आपका स्वाभाव, आचरण , कर्म और आपकी किस्मत तक बदल देता है 
बुरे लोगों का संग करने से आप जन्म जन्मांतर तक फंस जाते हो, और संतो के संग से ये आपका आखरी जीवन होता है।

महाराज श्री ने सावन के पहले सोमवार के शुभ अवसर पर श्री कृष्ण कथा के माध्यम से सबसे लम्बी मानसिक कावड़ यात्रा कनाड़ा के भक्तों को करवाई,और सात समंदर पार धर्म प्रेमियों को मानसिक कावड़ के माध्यम से भगवान शिव शंकर पर गंगा जल अभिषेक करवाया।






Comments

Popular posts from this blog

परम पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में मोतीझील ग्राउंड, कानपुर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के षष्टम दिवस में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया। महाराज जी ने बताया की इस जीवन की कीमत केवल एक साधक ही जान सकता है क्योंकि यह मानव जीवन अनमोल है और इसको कुसंगति से बर्बाद नहीं करना चाहिए। इस चौरासी लाख योनियों में मानव जीवन को सर्वश्रेष्ठ माना गया है क्योंकि इसमें हमें प्रभु का नाम सुमिरन करने का सत्संग करने का अवसर प्राप्त होता है। रा म नाम सुमिरन से मानव जीवन का कल्याण हो जाता है। एक बार का प्रसंग बताते हुए महाराज जी ने कहा की एक आश्रम में एक शिष्य और गुरु जी थे किसी कार्य के कारण उनको आश्रम से बहार जाना पड़ा। शिष्य अकेला रह गया, तो वहां एक ग्रामीण आया उसने गुरूजी के विषय में पूछा की मुझे गुरूजी से मिलना है तब शिष्य ने बताया की गुरूजी तो नहीं है क्या मैं कुछ आपकी मदद कर सकता हूँ? उस आदमी ने बताया की मेरा लड़का बीमार है। तब शिष्य ने बताया की आप एक उपाय करे किसी स्थान पर तीन बार राम नाम लिखना और फिर उसको स्नान कराकर वो जल अपने ब
आज गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर ठाकुर प्रियाकांत जू मंदिर, शांति सेवा धाम वृंदावन में गुरु पूजन करते हुए सभी शिष्य परिवार। || राधे राधे बोलना पड़ेगा ||