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Showing posts from December, 2017

Shrimad Bhagwat Katha || Day - 6 || PUNE ||

Shrimad Bhagwat Katha || Day -6 || PUNE || 24-31 December 2017 || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

संसार आपकी बुराई देखता है और भगवान् आपकी अच्छाई || अवश्य श्रवण करें || DEVKINANDAN THAKURJI

'' संसार आपकी बुराई देखता है और भगवान् आपकी अच्छाई || अवश्य श्रवण करें || DEVKINANDAN THAKURJI

गुरुकृपा ही केवलम || एक ऐसी कथा जिसको सुन कर आपको गुरु कृपा का अहसास हो जाएगा || Thakur ji

गुरु ही केवल || एक ऐसी कथा जिसको सुन कर आपको गुरु कृपा का अहसास हो जाएगा || GURU HI KEVAl || EK AISI KATHA JISKO SUN KAR AAPKO GURU KRIPA KA EHSAS HO JAEGA || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

भगवद भजन के साथ भगवान् पर विश्वास भी करें || गुरु शिष्य की अद्भुत कथा || अवश्य श्रवण करें

भगवद भजन के साथ भगवान् पर विश्वास भी करें || गुरु शिष्य की अद्भुत कथा || अवश्य श्रवण करें

भक्त और भगवान् के प्रेम की सच्ची घटना एक बार अवश्य श्रवण करें || DEVKINANDAN THAKUR JI

भक्त और भगवान् के प्रेम की सच्ची घटना एक बार अवश्य श्रवण करें || DEVKINANDAN THAKUR JI

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 24 से 31 दिसंबर आयोजित श्रीमद भागवत कथा के षष्टम दिवस कथा का रसपान करें।

"आध्यात्मिक सफलता" तब है जब आप ईश्वर को प्राप्त कर ले।" पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 24 से 31 दिसंबर तक, भेलपूरी चौक, महापौर निवास मैदान निगड़ी प्राधिकरण, पुणे, महाराष्ट्र में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के षष्टम दिवस पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया। महाराज श्री ने कथा प्रारम्भ करते हुए कहा कि आज का मानव एक सफल जीवन चाहता है , सफलता फिर उसको चाहे किसी को मार कर भी मिले तो भी उसको कोई फर्क नहीं पड़ता। आपकी नज़र में सफलता क्या है ? रुपया - पैसा, घर - बंगला , गाड़ी , बच्चो की नौकरी , समाज में एक रुतवा क्या यह सफलता है नहीं आज मैं बताता हूँ की मेरी नज़र में सफलता किसको कहते है। जब आप ४ वर्ष के होते हो तो अपने वस्त्रो को गीला न करना आपकी इस उम्र की सफलता है , जब आपकी उम्र ८ वर्ष के हो और अपने घर का मार्ग नहीं भूलते तो ये आपकी इस उम्र की सफलता है , १२ वर्ष की सफलता अच्छे रिश्तों को बनाना सीख जाना , १८ वर्ष के जा आप हो तो मदिरा या अन्य व्यसनों से दूर रहना इस उम्र की सफलता कही जाती है ,, २५ वर्ष अच्छी नौकरी का पाना , ३० वर्ष म

Shrimad Bhagwat Katha || Day - 5 || PUNE ||

Shrimad Bhagwat Katha || Day -5 || PUNE || 24-31 December 2017 || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

JANIYE KAUN HAI SACCHA HINDU || जानिए कौन है सच्चा हिंदू

JANIYE KAUN HAI SACCHA HINDU || जानिए कौन है सच्चा हिंदू||
पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 24 से 31 दिसंबर तक, भेलपूरी चौक, महापौर निवास मैदान निगड़ी प्राधिकरण, पुणे, महाराष्ट्र में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के पंचम दिवस पर विश्व शांति के लिए प्रार्थना की और प्रथम में एक भजन के साथ राधा रानी की स्तुति की। महाराज जी ने कहा की आज का मानव यह कहता है कि महाराज ठाकुर की पूजा में मन क्यों नहीं लगता ? तो मानव ने सारी अच्छी आदातो का त्याग कर दिया है। मन कहा से लगेगा , यहाँ तक की मीठा बोलना भी छोड़ दिया है। आज लोग अपने से बड़ो की बात तक स ुनने को राजी नहीं होते। बच्चे अपने बड़ो को जबाब देना सीख रहे है। कारन क्या है इसका पता लगाना आपको जानना आवश्यक है. कारन है हमारा खान - पान कहते है न जैसा खाया अन्न वैसा बनेगा मन। आज कल लोग पता नहीं क्या क्या खाना सीख गए है शाकाहार को छोड़ कर पशु की तरह मांसाहार का भक्षण करने लगे है तो वैसे ही हिंसक पशु प्रवृति मानव के अंदर आगयी है। क्रोध , काम , लोभ , मोह ने बुरी तरह से मानव को जकड़ रखा है , परिवार को परिवार न समझना ,किसी के लिए दया का भाव न होना , अपने ही अहंकार में चूर तो फिर बताओ ठाकुर कैसे मिलेगा। राम जी चौ

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 24 से 31 दिसंबर आयोजित श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस कथा का रसपान करें।

"भगवान से रिश्ता जोड़" सांसारिक उत्सव भले छूट जाएं, लेकिन भगवान का कोई उत्सव छूटना नहीं चाहिए" पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 24 से 31 दिसंबर तक, भेलपूरी चौक, महापौर निवास मैदान निगड़ी प्राधिकरण, पुणे, महाराष्ट्र में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर विश्व शांति के लिए प्रार्थना की और प्रथम में एक भजन के साथ राधा रानी की स्तुति की। " मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे, मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे | " महाराज जी न्र बताया कि भागवत में एक सुन्दर भाव छुपा हुआ है वो है जीव का कल्याण। कभी अपने मन में संशय न आने दे क्योकि संशय से आप का मनोबल कमजोर हो जाता है। और जब जीवन में संशय आये तो सत्संग में जरूर आये क्योकि जब आप अपने मन में कोई संशय लेकर भागवत कथा में आते है तो निश्चित ही भागवत आपके संशय का निवारण अवश्य करती है। ये जीवन बहुत अनमोल है पर आज का मानव ये संशय करके उसको बर्बाद कर रहा है। मानव आज तो विज्ञानं पर भरोसा करता है पर वो तो हमारे पुराणों में विश्वास नहीं करता। एक एक साँस अनमोल है उसको व्यर्थ न जाने दे। श्रीमद् भागवत कथा

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 24 से 31 दिसंबर आयोजित श्रीमद भागवत कथा के तृतीय दिवस कथा का रसपान करें।

"तन की सुंदरता पर दुनिया मोहित होती है और मन की सुंदरता पर मोहन मोहित होते हैं।" पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 24 से 31 दिसंबर तक, भेलपूरी चौक, महापौर निवास मैदान निगड़ी प्राधिकरण, पुणे, महाराष्ट्र में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के तृतीय दिवस पर भगवान श्री वामन की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया। धर्म रत्न शांतिदूत पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कथा प्रारम्भ करते हुए कहा कि जिसके मुख से भगवत नाम का उच्चारण होता है, उनको किसी अन्य चीज़ की आवश्यकता नहीं है। जो हमारे संतों ने हमे दिया है वो आजकल के लोगो को समझ नहीं आती। क्योकि अज्ञान का पर्दा है जवानी का जोश है लेकिन एक बात बताइये बच्चा कितना भी बड़ा हो जाये पर उसको उतना ज्ञान नहीं हो सकता जितना की उनके माता - पिता को है कारण क्या है की उनको बच्चो से ज्यादा अनुभव है। वही तो हमारे संतो ने किया हज़ारों सालो का अनुभव ही उन्होंने लिखा है जो हमे इस जीवन को जीने का सही तरीका बताते है, भगवन नाम की महिमा का गुणगान सिखाते है, कल्याण का मार्ग बताते है। संत कहते है कि जिनके मन में ईश्वर का नाम है उनको और

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 24 से 31 दिसंबर आयोजित श्रीमद भागवत कथा के द्वितीय दिवस कथा का रसपान करें।

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 24 से 31 दिसंबर तक, भेलपूरी चौक, महापौर निवास मैदान निगड़ी प्राधिकरण, पुणे, महाराष्ट्र में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया। कथा प्रारम्भ करते हुए पूज्य महाराज श्री ने कहा की श्रीमद भागवत कथा कलयुग में मोक्ष का एक सर्वश्रेठ मार्ग है।श्रीमद भागवत कथा सुनने के लिए भी हमे कर्म अच्छे करने होंगे तभी ये कथा सुनने का भी लाभ भी हमें मिलेगा। क्योकि आज का मानव आपने कार्य को अधिक महत्व देता है और भगवान् को भूल जाता है। तो यह भी तो मायने रखता है की कर्म आप ने किसके लिए छोड़ा, भगवान के लिए सांसारिक कर्म छोड़ा या सांसारिक कर्म के लिए भगवान् को छोड़ दिया। आप एक बात बताओ की जब आपके बच्चे आपको छोड़ कर चले जाते है तो आप आपने पड़ोसियों से उनकी बुराई करने लगते है तो हम भी तो यही करते की इस संसार के लिए अपने असली पिता को भूल कर बैठ जाते है। पर ऐसा क्यों हो रहा है क्योकि हमारे घरो से रामायण , गीता महापुरुषों की वाणी खत्म ही होगई है। मेरा आप सभी से अनुरोध है की आप जो कथा सुनते है उसको जीवन में उतार

पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 24 से 31 दिसंबर आयोजित श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिवस कथा का रसपान करें।

"भगवान की भक्ति टिकाऊ है बिकाऊ नहीं है।" पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 24 से 31 दिसंबर तक, भेलपूरी चौक, महापौर निवास मैदान निगड़ी प्राधिकरण, पुणे, महाराष्ट्र में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिवस पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया। आज कथा के प्रारम्भ होने से पहले पुणे के कार्यकर्ताओं एवं समिति के सदस्यों ने महाराज जी का अभिनन्दन किया। इस पर महाराज जी ने सभी भक्तों को इतने प्रेम के लिए धन्यवाद दिया और कहा की जितना सूंदर मेरे ठाकुर का द्धार आप सभी कार्यकर्ताओं ने सजाया है उसके लिए आप सभी का बहुत-बहुत साधुवाद। पंडाल में भागवत कथा सुनने श्रोताओं का हुजूम उमड़ रहा है। महाराज जी ने बताया कि श्रीमद भगवत में चार अक्षर हैं भा ग व त , भ से भक्ति , ग से ज्ञान , व से वैराग्य , त से तरुण उद्धार अथार्त तत्प्श्चात मोक्ष..... भागवत कथा सुनने से किस प्रकार प्राणी का कल्याण हो जाता है जो भी भागवत की शरण में आएगा उस की मुक्ति निश्चित है, भागवत वेद रूपी वृक्ष का फल है। भगवान को जानने की इच्छा ही भागवत है। इसलिए भगवान को जानने और उनसे संब

MAHARAJ SHRI KO "DHARM RATN" KI UPAADHI SE KIYA SAMMANIT || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज को मिली "धर्म रत्न" की उपाधि! || MAHARAJ SHRI KO "DHARM RATN" KI UPAADHI SE KIYA SAMMANIT || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views. Your One Stop Destination For All The Latest Bhajans& Devotional Music Subscribe Now Free Subscribe : http://goo.gl/Rytxln Media Partner : ABC WORLD MEDIA Copyright : DevkinandanJiMaharaj Your One Stop Destination For All The Latest Bhajans & Devotional Music Subscribe Now FOR LATEST UPDATES : ----------------------------------- Connect with Shri Devkinandan Thakur Ji Maharaj on Facebook at https://goo.gl/frxmwT and on Twitter https://twitter.com/DN_Thakur_Ji Circle us on G+ : https://goo.gl/TQOFeG Instagram : https://www.instagram.com/shridevkina... More Details : http://www.vssct.com/

गुरु आज्ञा का उलंघन करने वाले व्यक्ति के साथ क्या हुआ ? जानने के लिए अवश्य देखें || THAKUR JI

गुरु आज्ञा का उलंघन करने वाले व्यक्ति के साथ क्या हुआ ? जानने के लिए अवश्य देखें || THAKUR JI If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views. Your One Stop Destination For All The Latest Bhajans& Devotional Music Subscribe Now Free Subscribe : http://goo.gl/Rytxln Media Partner : ABC WORLD MEDIA Copyright : Vishwa Shanti Sewa Charitable Trust Your One Stop Destination For All The Latest Bhajans & Devotional Music Subscribe Now FOR LATEST UPDATES : ----------------------------------- Connect with Shri Devkinandan Thakur Ji Maharaj on Facebook at https://goo.gl/frxmwT and on Twitter https://twitter.com/DN_Thakur_Ji Circle us on G+ : https://goo.gl/TQOFeG Instagram : https://www.instagram.com/shridevkina ... More Details : http://www.vssct.com/

आज पूज्य महाराज श्री का पुणे एयरपोर्ट पर विश्व शांति सेवा समिति पुणे एवं विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के सदस्यों और भक्तों ने स्वागत किया।

आज पूज्य महाराज श्री का पुणे एयरपोर्ट पर विश्व शांति सेवा समिति पुणे एवं विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के सदस्यों और भक्तों ने स्वागत किया। महाराज श्री को 21 किलो की पुष्प माला अर्पण की गई। इस अवसर पर भारी संख्या में भक्त एयरपोर्ट पर पहुंचे। पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 24-31 दिसंबर 2017 तक कथा का आयोजन किया गया है। सभी पुणेवासी कथा में ज़्यादा से ज्यादा संख्या में आकर कथा का रसपान करें। ।। राधे राधे बोलना पड़ेगा ।।

JAGADGURU SHANKARACHARYA SHRI SWAMI SWAROOPANAND JI MAHARAJ AASHIRVACHAN SHANTI SEWA DHAM 19/12/2017

JAGADGURU SHANKARACHARYA SHRI SWAMI SWAROOPANAND JI MAHARAJ AASHIRVACHAN SHANTI SEWA DHAM VRINDAVAN 19/12/2017

Vishal Kalash Yatra Mumbai || विशाल कलश यात्रा || मुंबई ||

Vishal Kalash Yatra Mumbai || विशाल कलश यात्रा || मुंबई || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

महाभारत में दिए गए पांच श्राप जानने के लिए यह वीडियो जरूर देखें ||चौथा श्राप PART 4

महाभारत में दिए गए पांच श्राप जानने के लिए यह वीडियो जरूर देखें ||चौथा श्राप PART 4 HD

यदि आप भगवान् को कुछ देना चाहते है तो जानिये भगवान् आपसे क्या चाहते हैं || Devkinandan Thaku ji

यदि आप भगवान् को कुछ देना चाहते है तो जानिये भगवान आपसे क्या चाहते हैं || Devkinandan Thaku ji

आशा ही दुःख का कारण है | ऐसी कथा जिसको सुनकर पता चल जाएगा || दुःख का कारण हम स्वयं हैं || THAKURJI

AASHA HI DUKH KAA KARAN HAI || आशा ही दुःख का कारण है || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

क्या आप जानते हैं ? पूजा मैं नारियल का महत्त्व क्यों है | इस वीडियो को देखें || DEVKINADAN THAKUR JI

क्या आप जानते हैं ? पूजा मैं नारियल का महत्त्व क्यों है | इस वीडियो को देखें || DEVKINADAN THAKUR JI

नामजप की महिमा || बादशाह अकबर भी जानते थे भगवान् के नाम से होता है बेड़ापार || DEVKINANDAN THAKUR JI

नामजप की महिमा || बादशाह अकबर भी जानते थे भगवान् के नाम से होता है बेड़ापार || DEVKINANDAN THAKUR JI

भगवान् पर टिप्पणी करने वाले इस कथा को अवश्य श्रवण करें || Devkinandan Tahkur ji

भगवान् पर टिप्पणी करने वाले इस कथा को अवश्य श्रवण करें || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

देवलोक की दो डायरी में आपका नाम किस डायरी में लिखा है ?वीडियो सुनकर पता चल जायेगा || DEVKINANDAN JI

देवलोककी दो डायरी में आपका नाम किस डायरी में लिखा है? वीडियो सुनकर पता चल जायेगा || DEVKINANDAN JI

क्या आप जानते हैं, जीवन का महत्त्व क्या है | कौनसी वास्तु जिंदगी में आवश्यक है || DEVKINANDAN JI

क्या आप जानते हैं ?जीवन का महत्त्व क्या है | कौनसी वास्तु जिंदगी में आवश्यक है || DEVKINANDAN THAKUR JI

"नज़रिये के अनुसार ही नज़ारे दिखते हैं।"

पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने सप्तम दिवस की भागवत कथा श्रवण कराते कहा कहा कि श्री कृष्ण की भक्ति के लिए सांसारिक कार्यों से निवृत्त होने का इंतजार मत करो। यह अपने आपको धोखे में रखने वाला बहाना है। वृद्धावस्था में जब सारे अंग शिथिल हो जायेंगे, तब क्या भक्ति हो पाएगी। खुद से यह वादा कर लो कि शुभ कामों को तुरंत ही शुरू कर देना है और बुरे कामों को टालते जाना है। उन्होंने कथा को आगे बढ़ाते कहा कि इस मायावी दुनिया में देखा गया है कि ज ो प्यारा लगता है, हमें उसके अवगुण नहीं दिखाई देते और जिसे नापसंद करते हैं, हम उसके गुण नहीं देखते। नज़रिये के अनुसार ही नज़ारे दिखते हैं। लेकिन ध्यान रखना धर्म के विरुद्ध कभी मत जाना। बुराइयां खुद के लिए गड्ढा खोदती हैं। वाकई प्रभु को प्रसन्न करना चाहते हो तो हमेशा दूसरों को खुशियां देना। तुम्हें अपने आप खुशियाँ मिलती जाएँगी। भागवत कथा के अंतिम दिन श्रोताओं के उमड़े जन सैलाब को भगवत भक्ति की प्रेरणा देते महाराज जी कहा कि भक्ति के मार्ग में बाधा बनने वाले सम्बन्धियों से दूरी बना लो। शास्त्रों और वेदों का पालन करो। यदि कुछ भी न कर पाओ तो

बिना साधना के प्रभु का सानिध्य नहीं।" श्रीमद् भागवत कथा के षष्टम दिवस पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा कि बिना साधना के भगवान का सानिध्य नहीं मिलता।

"बिना साधना के प्रभु का सानिध्य नहीं।" श्रीमद् भागवत कथा के षष्टम दिवस पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा कि बिना साधना के भगवान का सानिध्य नहीं मिलता। द्वापर युग में गोपियों को भगवान श्री कृष्ण का सानिध्य इसलिए मिला, क्योंकि वे त्रेता युग में ऋषि - मुनि के जन्म में भगवान के सानिध्य की इच्छा को लेकर कठोर साधना की थी। शुद्ध भाव से की गई परमात्मा की भक्ति सभी सिद्धियों को देने वाली है। जितना समय हम इस दुनिया को देते हैं, उसका 5% भी यदि भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लगाएं तो भगवान की कृपा निश्चित मिलेगी। पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा कि गोपियों ने श्री कृष्ण को पाने के लिए त्याग किया परंतु हम चाहते हैं कि हमें भगवान बिना कुछ किये ही मिल जाये, जो की असम्भव है। महाराज श्री ने बताया कि शुकदेव जी महाराज परीक्षित से कहते हैं राजन जो इस कथा को सुनता हैं उसे भगवान के रसमय स्वरूप का दर्शन होता हैं। उसके अंदर से काम हटकर श्याम के प्रति प्रेम जाग्रत होता हैं। जब भगवान प्रकट हुए तो गोपियों ने भगवान से 3 प्रकार के प्राणियों के विषय में पूछा। 1 . एक

"मन ही सारे पापों की खान है।" श्रीमद भागवत कथा के पांचवें दिन पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा कि मन ही सारे पापों की खान है। मन के चक्कर में ही जीव चक्कर काटता रहता है। जब मन का चक्कर ख़त्म हो जाता है तब 84 लाख योनियों का चक्कर भी खत्म हो जाता है। दुख की प्रमुख वजह अपनी कमी ना देखना है। भगवान के भजन के बिना जीव को रोना ही पड़ेगा। भगवान की कथा सुनकर जो अपने में परिवर्तन लाते हैं वही सच्चे होते होते हैं।

पूज्य महाराज श्री ने कहा कि शिशुपाल ने जब श्रीकृष्ण को अपशब्द   कहा तो भगवान मुस्कुरा रहे थे। इस पर अर्जुन ने कहा, हे प्रभु यदि आप कुछ नहीं कर रहे हैं तो मुझे आज्ञा दें। इस पर भगवान श्री कृष्ण ने कहा, हे अर्जुन जिसके पास जो रहता है वह वही देता है। दूसरी तरफ शिशुपाल अपनी हदें पार करते बोला तुम बेशर्म होकर हंसते जा रहे हो, नीचे आओ बताता हूँ। तब भगवान श्रीकृष्ण ने बहुत सुंदर जवाब दिया कि मैं इतना नीचे नहीं आ सकता जितना तुम हो। ध्यान रखना जब तक अंदर और बाहर से एक नहीं हो जाओगे, तब तक तुम्हारा मन निर्मल ना हो जाए, भगवत प्राप्ति मुश्किल है। भगवान की महिमा का गुणगान करते हुए पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने बताया कि जब पुतना कृष्ण के पास आई तब भगवान ने अपनी आंखें बंद कर ली, ताकि उसे देख कर मेरा मोह उसका वध करने में बाधा न बने। भगवान की महिमा तो देखो, पुतना को मारने के बाद वही गति दिया जो गति उन्होंने माँ यशोदा के लिए सोच रखा था। इसका कारण केवल दूध पिलाना था। प्रेम का वर्णन करते हुए महाराज श्री ने कहा कि प्रेम वही है जिसमें पाने की बजाए अपना सब कुछ लुटा देने की इच्छा

THAKUR PRIYAKANT JU DIVYA DARSHAN MAHOTSAV || DAY -8 ||

THAKUR PRIYAKANT JU DIVYA DARSHAN MAHOTSAV || DAY -8 || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

THAKUR PRIYAKANT JU DIVYA DARSHAN MAHOTSAV || DAY -7 ||

THAKUR PRIYAKANT JU DIVYA DARSHAN MAHOTSAV || DAY -7 || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

Shrimad Bhagwat Katha || Day - 4 || MUMBAI || 6-13 December 2017

Shrimad Bhagwat Katha || Day - 4 || MUMBAI || 6-13 December 2017 || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

"भक्तों की मर्यादा के आगे प्रभु अपनी मर्यादा का ख्याल नहीं रखते।" पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 6 से 13 दिसंबर 2017 तक, भायंदर, ईस्ट मुम्बई में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर भगवान वामन की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया।

श्रीमद् भागवत कथा में राजा बलि की कथा श्रवण कराते हुए पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा कि जब राजा बलि ने भगवान वामन को तीन पग का दान दे दिया। तब भगवान ने दो पग में ही सब कुछ नाप लिया। फिर भगवान ने राजा बलि की ओर देखा तो राजा बलि ने कहा, "प्रभु तीसरे पग में आप मुझे नाप लीजिए मेरा संकल्प पूरा हो जाएगा"। भगवान अति प्रसन्न हुए और बोले वरदान मांगो। प्रभु की बात सुनकर राजा बलि की पत्नी ने कहा प्रभु यह सब तो आप ही का था राजा भ्रम में इसे अपना समझ बैठे थे। अच्छा किया आज आपने यह भ्रम तोड़ दिया। भगवान वामन ने राजा बलि को न केवल उनको राज्य दिया बल्कि उनका पहरेदार बनना भी स्वीकार कर लिया। भक्तों भगवान भक्तों की मर्यादा के आगे अपनी मर्यादा का ख्याल नहीं करते। महाराज श्री ने कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि नारायण के ना आने पर लक्ष्मी जी बेचैन हो गई और सच्चाई पता चलने पर प्रभु को पुनः वापस लाने के जतन में लग गई। लक्ष्मी जी राजा बलि के मार्ग पर बैठ कर रोने लगी। जब राजा बलि ने कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन आ रहा है और मेरा कोई भाई नहीं है। यह बात सुनकर राज

"जीवन में श्याम नहीं तो आराम नहीं" पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में 6 से 13 दिसंबर 2017 तक, भायंदर, ईस्ट मुम्बई में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया।

कथा प्रारम्भ करते हुए पूज्य महाराज श्री ने कहा की श्रीमद भागवत कथा कलयुग में मोक्ष का एक सर्वश्रेठ मार्ग है। श्रीमद भागवत कथा सुनने मात्र से ही जीव का कल्याण हो जाता है। पर कलयुग का जीव सब कुछ विपरीत ही करता है। ऋषियों ने बताया की कलयुग में भगवान का सुमिरन मात्र से ही ईश्वर को पाना संभव है, परन्तु सतयुग में द्वापर में अन्य सभी युगों में यह अत्यन्त कठिन कार्य था, परन्तु सरल मार्ग पाने के बाद भी आज का कलियुगी मानव शुभ को अशुभ और अशुभ को शुभ कर देता है। महाराज श्री ने कहा कि व्यास जी ने जब इस भगवत प्राप्ति का ग्रंथ लिखा, तब भागवत नाम दिया गया। बाद में इसे श्रीमद् भागवत नाम दिया गया। इस श्रीमद् शब्द के पीछे एक बड़ा मर्म छुपा हुआ है श्री यानी जब धन का अहंकार हो जाए तो भागवत सुन लो, अहंकार दूर हो जाएगा। इस सांसारिक जीवन में जो कुछ भी प्राप्त किये हो सब किराए के मकान की तरह है। खाली करना ही पड़ेगा। व्यक्ति इस संसार से केवल अपना कर्म लेकर जाता है। इसलिए अच्छे कर्म करो। भाग्य, भक्ति, वैराग्य और मुक्ति पाने के लिए भागवत की कथा सुनो। देवकीनंदन जी की भागवत के अनुसार कलयुग की चर्चा