Skip to main content

Posts

Showing posts from October, 2017

जब व्यास जी अपने शिष्य जैमिनी का घमंड तोडा || Devkinandan thakur ji

जब व्यास जी अपने शिष्य जैमिनी का घमंड तोडा || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views.

जीवन में सुखी रहना है तो ईश्वर से हमेशा जुड़े रहो

जीवन में सुखी रहना है तो ईश्वर से हमेशा जुड़े रहो || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views.

क्यों भगवान् विष्णु ने कहा देवियों पे कभी भरोसा नहीं करना चाहिए

क्यों भगवान् विष्णु ने कहा देवियों पे कभी भरोसा नहीं करना चाहिए || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views.

सिर्फ सूर्य और चन्द्र पर ही क्यों ग्रहण लगते है

सिर्फ सूर्य और चन्द्र पर ही क्यों ग्रहण लगते है || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views.

तंत्र पे नहीं मंत्र पर विश्वास रखो|| DEVKINANDAN THAKUR JI

तंत्र पे नहीं मंत्र पर विश्वास रखो || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views.

SHRIMAD BHAGWAT KATHA - KANPUR - DAY 6

SHRIMAD BHAGWAT KATHA - KANPUR - DAY 6 || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

SHRIMAD BHAGWAT KATHA - KANPUR - DAY 7 || ये हैं मृत्यु का रहस्य.....

SHRIMAD BHAGWAT KATHA - KANPUR - DAY 7 || ये हैं मृत्यु का रहस्य..... || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

अगर दौलतमंदो को राम का नाम मिल जाता तो ये बड़े लोग भगवान् के नाम पे भी टैक्स लगा देते

अगर दौलतमंदो को राम का नाम मिल जाता तो ये बड़े लोग भगवान् के नाम पे भी टैक्स लगा देते || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

कृष्ण के प्रेम में ब्रज गोपी की क्या दशा हुई सुनोगे तो रोने लगोगे ऐसा भजन नहीं सुना होगा

कृष्ण के प्रेम में ब्रज गोपी की क्या दशा हुई सुनोगे तो रोने लगोगे ऐसा भजन नहीं सुना होगा || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ
परम पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में मोतीझील ग्राउंड, कानपुर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के सप्तम दिवस में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया तथा इसके साथ मृत्यु के रहस्य को भी समझाया। महाराज श्री ने बताया की मृत्यु का रहस्य हल्का सा रहस्य हैं इस रहस्य को जो समझ लेगा उसके बाद उसे कभी मृत्यु से कभी भय नहीं होगा। प्रतिदिन हम मरते हैं आप सोच रहे होंगे प्रतिदिन हम कैसे मरते हैं? महाराज श्री ने बताया जब हम सोने जाते हैं जब आपको नींद आती हैं तब आप सोचिये की आप जिन्दा हो या मरे हुए, जैसे आप मृत्यु के बाद कुछ नहीं कर सकते। वैसे ही आप सोने के बाद कुछ नहीं कर सकते, सो गए तो दुनिया से खो गए वैसे ही मर गए तो भी दुनिया से खो गए, सोना यानि निद्रा ये भी मृत्यु से काम नहीं हैं ये मृत्यु का दूसरा रूप हैं हम रोज मरने जाते हैं कभी दोपहर को कभी शाम को रोज मरने जाते हैं और अपनी मर्जी से जाते हैं। फिर भी हमें कोई डर नहीं होता हैं क्योकि हमे पता होता हैं कि सो कर उठ जाने के बाद ही वही सब वही शुरू हो जायेगा। यही पुत्र हमारे हैं ये परिवार हमारा ह
परम पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में मोतीझील ग्राउंड, कानपुर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के षष्टम दिवस में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया। महाराज जी ने बताया की इस जीवन की कीमत केवल एक साधक ही जान सकता है क्योंकि यह मानव जीवन अनमोल है और इसको कुसंगति से बर्बाद नहीं करना चाहिए। इस चौरासी लाख योनियों में मानव जीवन को सर्वश्रेष्ठ माना गया है क्योंकि इसमें हमें प्रभु का नाम सुमिरन करने का सत्संग करने का अवसर प्राप्त होता है। रा म नाम सुमिरन से मानव जीवन का कल्याण हो जाता है। एक बार का प्रसंग बताते हुए महाराज जी ने कहा की एक आश्रम में एक शिष्य और गुरु जी थे किसी कार्य के कारण उनको आश्रम से बहार जाना पड़ा। शिष्य अकेला रह गया, तो वहां एक ग्रामीण आया उसने गुरूजी के विषय में पूछा की मुझे गुरूजी से मिलना है तब शिष्य ने बताया की गुरूजी तो नहीं है क्या मैं कुछ आपकी मदद कर सकता हूँ? उस आदमी ने बताया की मेरा लड़का बीमार है। तब शिष्य ने बताया की आप एक उपाय करे किसी स्थान पर तीन बार राम नाम लिखना और फिर उसको स्नान कराकर वो जल अपने ब
परम पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में मोतीझील ग्राउंड, कानपुर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के पंचम दिवस में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया। यहां महाराज श्री ने कथा प्रारम्भ करते हुए कहा कि सबसे पहले आप भारतीय संस्कृति, वैदिक संस्कृति को समझिये, तब यह निर्णय लीजिये की आप अपने बच्चों को क्या बनाना चाहते है? आपका बच्चा मदिरालय जाये या मंदिर जाये, मूवी जाये या सत्संग जाये, स्मोकिंग/ड्रिंकिंग करे या भगवान का चरणामृत पीये, बुढ़ापे में आपको हाथ पकड़ कर घर से निकाल दे या फिर श्रवण कुमार की तरह आपकी सेवा करे। आप अपने बच्चे को ऐसा डॉ. बनाना चाहेंगे जो मुर्दे से भी पैसा कमाए या ऐसा वैध बने जो किसी के पास पैसा न हो तब भी उसका इलाज कर उसकी जान बचाये। आप अपने बच्चे को ऐसा वकील बनायेगे जो खुद पैसा कमाने के लिए अपने क्लाइंट का केस लम्बा चलाये चाहे उसका घर बार बिक क्यों न जाये, या फिर ऐसा की चाहे कुछ भी हो में अपने क्लाइंट को न्याय दिलवाये। क्या आप अपने बेटे-बेटियों को ऐसा इंजनियर बनाना चाहेंगे जो ऐसे पुल का निर्माण करे जिसमे लोगो की

SHRIMAD BHAGWAT KATHA - KANPUR - DAY 5

महाराज जी ने चुतर्थ दिवस की कथा प्रारम्भ करने से पूर्व विश्व शांति के लिए ठाकुर जी से प्रार्थना की। महाराज जी ने बताया की हम शांति के लिए संसार में इधर उधर भटकते है लेकिन शांति नहीं मिलती क्योंकि हम अपने मन को शांत नहीं करते है। इसलिए सबसे पहले अपना चित शांत करना होगा तो फिर हमे संसार में हर जगह शांति का अनुभव होगा और जब संसार बिगड़ता है तो केवल राधा रानी ही बिगड़ी बनाती है। महाराज जी ने बताया की कार्तिक माह चल रहा है और कार्तिक माह में गज - ग्राह की कथा सुननी चाहिए। क्योकि गज का अर्थ भक्त है और ग्रह का अर्थ है दुखी , महाराज जी ने कहा की इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति को कोई न दुःख अवश्य होता है तब हम भगवान को याद करते है। अगर सुख में प्रभु का स्मरण करे तो निश्चित है की दुःख आएंगे ही नहीं। परन्तु व्यक्ति सुख के समय अहंकार करता है। आज कल तो नौजवान माथे पर तिलक नहीं लगाए, कलावा नहीं बंधेगे, कंठी नहीं पहनेगे क्योकि वो समझते है यह सब करने से लोग उनका मज़ाक बनायेगे। परन्तु जिस प्रकार आज स्कूल में पहचान पत्र मिलता है की यह छात्र किस विद्यालय या कक्ष

DHARM KI DUKAAN II DHARM KE THEKEDAAR II BOLNE WALON KO KARARA JAWAAB

DHARM KI DUKAAN II DHARM KE THEKEDAAR II BOLNE WALON KO KARARA JAWAAB II धर्म की दुकान, धर्म के ठेकेदार, बोलने वालों को करारा जवाब

SHRIMAD BHAGWAT KATHA - KANPUR - DAY 1

SHRIMAD BHAGWAT KATHA - KANPUR - DAY 1 || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views.

रामायण में एक ऐसा भक्त भी था जिसे श्री राम पर भी संदेह था

रामायण में एक ऐसा भक्त भी था जिसे श्री राम पर भी संदेह था || DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views.

SHRIMAD BHAGWAT KATHA - KANPUR - DAY-2

SHRIMAD BHAGWAT KATHA - KANPUR - DAY-2 || DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views.

श्री राम और केवट का बहुत ही सुन्दर प्रसंग एक बार अवश्य सुने

SHRIMAD BHAGWAT KATHA - KANPUR - DAY 3

SHRIMAD BHAGWAT KATHA - KANPUR - DAY 3 || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views.
"भागवत कथा हमको जीना सीखाती है।" परम पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में मोतीझील ग्राउंड, कानपुर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के तृतीय दिवस में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया। कथा प्रारम्भ करते हुए महाराज श्री ने कहा की हम सबको कभी न कभी भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। भागवत कथा हमको इंसान बनाती है। भागवत कथा ही हम सभी को सही मायने में जीना सिखाती है। यहाँ पर महाराज श्री ने बताया कि यदि हम सात दिन की भागवत कथा को सुनेंगे तो अवश्य ही हमको इन सात दिनों में बहुत कुछ ऐसा सिखने को मिलेगा जो हम सब के लिए लाभकारी होगा और जिसके बारे में कभी भी हमने सुना ही नहीं होगा। महाराज श्री ने कहा कि जहाँ कृष्ण हो और अर्जुन हो वहां पर जीत न हो यह तो असंभव है। जब अर्जुन कृष्ण का त्याग कर दे, तो यानि अहंकारी हो जाए तो उसका जीवन ही बेकार हो जाता है। जिस प्रकार पेड़ से पत्ता या फल अलग होकर ज्यादा दिन नहीं रह सकता है उसी प्रकार श्रीकृष्ण से अलग होकर ये जीवन बेकार हो जाता है। इसलिए श्रीमद भागवत बहुत ही बड़ा वर

आपके बेटे को आना चाहिए की अपनी माँ और पत्नी के साथ कैसा व्यवहार करें

आपके बेटे को आना चाहिए कीअपनी माँ और पत्नी के साथ कैसा व्यवहार करें || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views.

जब दशरथ जी ने सोचा कीराम को राज्य की जिम्मेदारी सौप दी जाए

जब दशरथ जी ने सोचा कीराम को राज्य की जिम्मेदारी सौप दी जाए || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views.

सरस्वती जी क्यों खोज रही थी अयोध्या में की कोई तो राम के विरुद्ध जाये

सरस्वती जी क्यों खोज रही थी अयोध्या में की कोई तो राम के विरुद्ध जाये || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views.

श्री राम की सेवा कैसे करें ये हमें लक्ष्मन से सीखना चाहिए

श्री राम की सेवा कैसे करें ये हमें लक्ष्मन से सीखना चाहिए || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views.

मरते समय जगह अच्छी हो तो फिर ज़िन्दगी मत मांगना

मरते समय जगह अच्छी हो तो फिर ज़िन्दगी मत मांगना || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ If You Like The Video Don't Forget To Share With Others & Also Share Your Views.
"परमात्मा के कानून से कोई नहीं बच सकता है।" परम पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में सेन्ट्रल जेल, कानपुर में कैदियों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। महाराज श्री का स्वागत जेलर श्री आशीष तिवारी जी ने किया। जेल में मौजूद सभी कैदियों को सन्देश देते हुए महाराज श्री ने कहा की हम जो भी कर्म करते हैं उसका फल मिलना निश्चित है। कर्म अच्छा हो या बुरा फल उसी पर निर्भर करता है। मानव अपने जीवन में जिन परिस्थियों का सामना करता है वो उसके द्वारा किये गए कर्मों का ही  फल होता है। यदि मनुष्य निश्चित कर ले की उसको अपना जीवन बदलना है तो वो कभी भी, किसी भी समय अपना जीवन बदल सकता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्वयं वाल्मीकि जी है। वाल्मीकि जी पहले डाकू थे और जंगल में आने-जाने वालों को लूटकर उन्हें मार देता था। एक बार नारद जी भेष बदलकर उनके पास गए और उनसे पुछा की आप जो पाप कर रहे हैं तो क्या उस पाप में क्या आपके परिवार के सदस्य भी शामिल है तो वाल्मीकि जी ने कहा हाँ वो भी शामिल है। नारद जी ने कहा जाओ और उनसे पूछो की वो तुम्हारे पाप में भागी