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108 श्रीमद्भागवत कथा एवं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के अवसर पर आयोजित श्रीमद भागवत कथा के षष्ठम दिवस पर कथा पंडाल में सुदामा कुटी के महंत श्री सुतीक्ष्ण दास जी महाराज ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करवाई एवं व्यास पीठ को नमन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।


108 श्रीमद्भागवत कथा एवं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के अवसर पर आयोजित श्रीमद भागवत कथा के षष्ठम दिवस पर कथा पंडाल में सुदामा कुटी के महंत श्री सुतीक्ष्ण दास जी महाराज ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करवाई एवं व्यास पीठ को नमन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। संस्था की ओर से उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। श्री सुतीक्ष्ण दास जी महाराज ने कथा स्थल में मौजूद सभी भक्तों को अपने आशीर्वचन भी दिए।#JanmashtamiMahotsav2019

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परम पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में मोतीझील ग्राउंड, कानपुर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के षष्टम दिवस में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया। महाराज जी ने बताया की इस जीवन की कीमत केवल एक साधक ही जान सकता है क्योंकि यह मानव जीवन अनमोल है और इसको कुसंगति से बर्बाद नहीं करना चाहिए। इस चौरासी लाख योनियों में मानव जीवन को सर्वश्रेष्ठ माना गया है क्योंकि इसमें हमें प्रभु का नाम सुमिरन करने का सत्संग करने का अवसर प्राप्त होता है। रा म नाम सुमिरन से मानव जीवन का कल्याण हो जाता है। एक बार का प्रसंग बताते हुए महाराज जी ने कहा की एक आश्रम में एक शिष्य और गुरु जी थे किसी कार्य के कारण उनको आश्रम से बहार जाना पड़ा। शिष्य अकेला रह गया, तो वहां एक ग्रामीण आया उसने गुरूजी के विषय में पूछा की मुझे गुरूजी से मिलना है तब शिष्य ने बताया की गुरूजी तो नहीं है क्या मैं कुछ आपकी मदद कर सकता हूँ? उस आदमी ने बताया की मेरा लड़का बीमार है। तब शिष्य ने बताया की आप एक उपाय करे किसी स्थान पर तीन बार राम नाम लिखना और फिर उसको स्नान कराकर वो जल अपने ब
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